सार्वभौमिक खालीपन सार्वभौमिक खालीपन
एक दौर ऐसा भी आया, मानो मैं भूल ही गयी कि तुमसे परे भी मेरी कोई दुनिया है। एक दौर ऐसा भी आया, मानो मैं भूल ही गयी कि तुमसे परे भी मेरी कोई दुनिया है।
मैं कितना तटस्थ हूँ अपनी संभावनाओं के यह समय पर छोड़ दिया है मैं कितना तटस्थ हूँ अपनी संभावनाओं के यह समय पर छोड़ दिया है
देह विदा हुई है बस प्रेम तो रूह में बसा हुआ। देह विदा हुई है बस प्रेम तो रूह में बसा हुआ।
प्यार नहीं है कोई ढाई अक्षरों का मेल, ये तो है सड़क के दौड़ते कुत्तों का खेल। प्यार नहीं है कोई ढाई अक्षरों का मेल, ये तो है सड़क के दौड़ते कुत्तों का खेल।
मान क्यों भरी है कुछ खोने के एहसास से ? मान क्यों भरी है कुछ खोने के एहसास से ?