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Prem Thakker

Romance

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Prem Thakker

Romance

हरपल बस तुम

हरपल बस तुम

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सुनो दिकु.....

मेरे लिये इतने खास हो तुम

की मेरी सांसो का एहसास हो तुम


तृष्णा नही मुजे किसी भोग विलास की

बस एक सुकून भरी झलक की प्यास हो तुम


मंदिर जाऊं, मस्जिद जाऊं या जाऊं गुरुद्वारा में मैं

हर जगह मेरी एक ही अरदास हो तुम

प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये


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