मौन प्रेम की आवाज़
मौन प्रेम की आवाज़
सुनो दिकु...
बहुत याद आ रही हो, हर पल, हर साँस में,
सोचता हूँ,
जब तुम सामने होगी, क्या कुछ कह पाऊँगा?
या बस तुम्हें देखता ही रह जाऊँगा...
न शिकायते होंगी, न कोई दर्द,
बस रहेगा वही अहसास, वही बेपनाह प्यार,
वही तुम्हारी फिक्र, वही तुम्हारी खुशी का ख्याल।
अगर मैं कुछ ना कह पाऊँ, तो मेरी आँखों में देख लेना,
वहाँ हर लफ्ज़, हर एहसास, तुम्हारा ही होगा।
मन में हलचल है, दिल में तूफान,
पर इस दिल का हर कोना बस तुम्हारा नाम लेता है।
तुम लौट आओ, दिकु... या फिर,
बस दूर से ही मुस्कुरा दो,
मैं हमेशा के लिए उसी हँसी में खो जाऊँगा।

