मां
मां
अपने खून से सींच उस मासूम को,
इस दुनिया में लाती हूं,
असहनीय पीड़ा सहकर ही मैं,
उसकी मां कहलाती हूं,
सहती हूं मैं ताने सबके,
फिर भी उसको चाहती हूं,
खुद भूख विलास में रहकर,
उसका पेट भरती हूँ ,
रात में जाग फ़िक्र में रहकर,
उसका माथा चूमती जाती हूं,
तुम छोड़ते हो हाथ मुझपर,
मैं उसका साथ छोड़ना न चाहती हूं,
सह लेती हूं हर एक पीड़ा,
बस उसको खुश देखना चाहती हूं।
