मौसम ए जुदाई
मौसम ए जुदाई
मौसम ए जुदाई फिर आया।
अंखियों में आँसू है ले आया।
क्यों हर लम्हा तू याद आया।
तूने हर पल मुझे क्यूं सताया।
तेरे न होने का ख़्याल है आया।
फिर तन्हा होने का अहसास आया।
मेले में भी ख़ुद को तन्हा पाया।
बार बार यह दिन क्यूं है आया।
