तुझ संग बीते लम्हों को मचलने लगा हूँ धीरे धीरे ही सही लेकिन में बदलने लगा हूँ तुझ संग बीते लम्हों को मचलने लगा हूँ धीरे धीरे ही सही लेकिन में बदलने लगा हूँ
ना समझी में कुछ खेल तुमने और कुछ हमने खेले.... ना समझी में कुछ खेल तुमने और कुछ हमने खेले....
सावन के झूले, त्यौहारों के मेले, और उनमें चाटों के ठेले। सभ्यता और संस्कृति का, नहीं रहा अब... सावन के झूले, त्यौहारों के मेले, और उनमें चाटों के ठेले। सभ्यता और संस्कृत...
यूँ तो रोज ही, मनाती हूँ जश्न टूटे अरमानों का अकेले, यूँ तो रोज ही, मनाती हूँ जश्न टूटे अरमानों का अकेले,
जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में। जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में।
तेरे घर भी मेले हैं मेरे घर भी मेले हैं तू है सुर्ख जोडों में हम तुर्बत में अकेले है तेरे घर भी मेले हैं मेरे घर भी मेले हैं तू है सुर्ख जोडों में हम तुर्बत...