यूँ अकेले सिसकते हम जुदाई सहे कोई ग़म नहीं यूँ अकेले सिसकते हम जुदाई सहे कोई ग़म नहीं
गुज़र गया जो वक्त हाथ कहां आएगा, गुज़र गया जो वक्त हाथ कहां आएगा,
हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो जाती है..... हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो ...
नए मिलन से तुम्हारे नए लक्ष्य से मुकाबला हो गया। नए मिलन से तुम्हारे नए लक्ष्य से मुकाबला हो गया।
चाँद की बरकत सितारों से होती है फूलों की बरकत बहारों से होती है चाँद की बरकत सितारों से होती है फूलों की बरकत बहारों से होती है
न वो कुछ बोला न कुछ मैं बोल सकी गहरी हम दोनों की वो रात हो गयी न वो कुछ बोला न कुछ मैं बोल सकी गहरी हम दोनों की वो रात हो गयी