STORYMIRROR

Dr Manisha Sharma

Abstract

3  

Dr Manisha Sharma

Abstract

साथ साथ

साथ साथ

1 min
302

मेरे कदमों से जो तेरे कदमों की ताल मिले

ज़िन्दगी में ज़िन्दगी मुझे हर हाल मिले


यूँ तो कट जाएंगे रास्ते अकेले चलकर भी

मज़ा तब है तब एक से एक ताल मिले


चाँद की बरकत सितारों से होती है

फूलों की बरकत बहारों से होती है


एक से एक मिलते जाएं तो साथ बनता है

दोस्ती एक से हो तो हज़ारों से होती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract