मन में कुछ उमड़ता घुमड़ता है तो कलम खुद ब ख़ुद चल पड़ती है
तुम क्या हो मेरे ये कैसे बताऊँ दुनिया को तुम से मैं हूँ तुम मेरे जहान हो। तुम क्या हो मेरे ये कैसे बताऊँ दुनिया को तुम से मैं हूँ तुम मेरे जहान हो।
मैं तुम्हारे नीले फूलों में पा लूँगी स्वयं को तुम्हारे प्रेम से नीलवर्णी होकर। मैं तुम्हारे नीले फूलों में पा लूँगी स्वयं को तुम्हारे प्रेम से नीलवर्णी होकर...
आधी कच्ची आधी पक्की सी जैसी भी हूँ अपनी ही पहचान हूँ मैं। आधी कच्ची आधी पक्की सी जैसी भी हूँ अपनी ही पहचान हूँ मैं।
जो था तुम्हारे पास वो सब तो दिया ही ना तुमने मुझे..... जो था तुम्हारे पास वो सब तो दिया ही ना तुमने मुझे.....
हर ज़र्रे में दिखता है अक्स तेरा ही मुझे इतने भी ना बिखरो कि तुम्हें तह ना सकूँ। हर ज़र्रे में दिखता है अक्स तेरा ही मुझे इतने भी ना बिखरो कि तुम्हें तह ना सकू...
मग़र ये क्या वे दो अब दो नहीं अब दिखते हैं वो एक। मग़र ये क्या वे दो अब दो नहीं अब दिखते हैं वो एक।
तुम प्रेम हो हाँ,तुम तो साक्षात् प्रेम हो। तुम प्रेम हो हाँ,तुम तो साक्षात् प्रेम हो।
मैं और कुछ नहीं जानती बस इतना जानती हूँ कि उसने प्रेम किया था। मैं और कुछ नहीं जानती बस इतना जानती हूँ कि उसने प्रेम किया था।
कुछ दोस्त ऐसे होते हैं खरे सिक्के के जैसे होते हैं। कुछ दोस्त ऐसे होते हैं खरे सिक्के के जैसे होते हैं।
जब मुस्कुराहटें घोली थीं चाय के प्यालों में शक्कर की जगह। जब मुस्कुराहटें घोली थीं चाय के प्यालों में शक्कर की जगह।