STORYMIRROR

R Rajat Verma

Inspirational

4  

R Rajat Verma

Inspirational

नव दुर्गा - स्त्री

नव दुर्गा - स्त्री

1 min
1.0K

अदभुत, अदम्य सी शक्ति जो, है सभी में बसती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है प्रथम शैलपुत्री वो।


ज्ञान समान बहती जो, समय का पालन करती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है द्वितीय ब्रह्मचारिणी वो।


प्रकाश चन्द्र का रखती जो, मंद से प्रकाशित करती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है तृतीय चंद्रघंटा वो।


यश मस्तक पे रखती जो, रोग बिलाख से मुक्त करती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है चतुर्थ कूष्माण्डा वो।


सरल स्वभाव रखती जो, मुक्ति का मार्ग खोलती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है पंचम स्कंदमाता वो।


मन का मान रखती जो, कुवारिओ की लाज रखती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है षट कात्यायनी वो।


शुभंकारी सा रूप रखती जो, बुराई का नाश करती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है सप्तम कालरात्रि वो।


धैर्य धरा सा रखती जो, कष्टों को हरती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है अष्टम महागौरी वो।


समस्त सिद्धियां रखती जो, कष्टक बिराम हरती जो,

कहलाती है स्त्री जो, है नवम सिद्धिदात्री वो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational