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R Rajat Verma

Tragedy

4  

R Rajat Verma

Tragedy

चेहरे पर चेहरा

चेहरे पर चेहरा

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क्यूं चेहरे पर एक चेहरा है,

चीख के सच कह रहा है,

सुनते ही नहीं वो इसको है,

जो दर्द इसमें रह रहा है।


सारे सपने दांव पर हैं,

सारे अपने दांव पर हैं,

घाव दिल में हो रहा गहरा है,

क्यूं चेहरे पर एक चेहरा है।


मैं खुश रहूं समाज ये कह रहा है,

क्यूं लगा बंदिशों को एक पहरा है,

खुल कर जियूं तो गुनाह बन जाएगा,

इसी वजह से चेहरे पर एक चेहरा है।


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