झोपड़ी में रहने वाले साथ-साथ रहते सुख-दुख साझा करते तुम महल वालों के, कमरे होते अलग खुद की जिंदगी... झोपड़ी में रहने वाले साथ-साथ रहते सुख-दुख साझा करते तुम महल वालों के, कमरे होत...
मोमबत्ती की कंपकपाती लौ की तरह, शारीर रह-रह कर, सिहर रहा था, हवा में कांपती.... मोमबत्ती की कंपकपाती लौ की तरह, शारीर रह-रह कर, सिहर रहा था, हवा में कांपती....
सुदामा-सी दीनता में, मुफलिसी के ख़्वाब, कहाँ महलों से संभलते हैं। पीड़ा को नित, सन्दर्भ नए मिलते हैं... सुदामा-सी दीनता में, मुफलिसी के ख़्वाब, कहाँ महलों से संभलते हैं। पीड़ा को नित, ...
सकल संसार मेरा पुत्रवत, मैं तुम सब में समाहित हूँ। सारे जग के दोष-पापों को, सकल संसार मेरा पुत्रवत, मैं तुम सब में समाहित हूँ। सारे जग के दोष-पापों को,
फूल पत्तियों की दुलारी बनकर शावक पंछियों की प्यारी बनकर फूल पत्तियों की दुलारी बनकर शावक पंछियों की प्यारी बनकर
रात, चाँदनी और सितारे साक्षी मेरी पीड़ा के रात, चाँदनी और सितारे साक्षी मेरी पीड़ा के