साल नहीं दो साल नहीं हज़ारों साल इतिहास हमारा है संग्राम हज़ारों झेला हमने फिर भी भारत खास संवारा ... साल नहीं दो साल नहीं हज़ारों साल इतिहास हमारा है संग्राम हज़ारों झेला हमने फिर...
आस्था की है तू लहर है अमृत तू इस धरा पर। आस्था की है तू लहर है अमृत तू इस धरा पर।
इन्द्रधनुष के रंग सुनहरे तुम्हें देखकर खिलते सारे दुनिया जिस पे नाज़ करें वह कश्मीर सर पे ताज तुम... इन्द्रधनुष के रंग सुनहरे तुम्हें देखकर खिलते सारे दुनिया जिस पे नाज़ करें वह ...
देखते रहना किसी पर्वत के उतंग शिखर से किंकर्तव्यविमूढ़। देखते रहना किसी पर्वत के उतंग शिखर से किंकर्तव्यविमूढ़।
सकल संसार मेरा पुत्रवत, मैं तुम सब में समाहित हूँ। सारे जग के दोष-पापों को, सकल संसार मेरा पुत्रवत, मैं तुम सब में समाहित हूँ। सारे जग के दोष-पापों को,
ज्ञान सी अखंड है दोस्ती, परमात्मा का स्वरुप है दोस्ती। ज्ञान सी अखंड है दोस्ती, परमात्मा का स्वरुप है दोस्ती।