Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr. Madhukar Rao Larokar

Inspirational

2.5  

Dr. Madhukar Rao Larokar

Inspirational

झोपड़ी और महल

झोपड़ी और महल

1 min
2K


झोपड़ी कहे पुकार के

ऐ महल वालों खुद पर

इतना ना इतराओ, मेरे पैर जमीं

पर है और तुम्हारे आसमां पर !!

प्रारब्ध है तुम्हारा जन्मों के

कर्मों से तुम पहुंचे गगन पर

मैं हर जन्म में, मिट्टी से उपजी

मिट्टी में ही रही,आज भी मिट्टी पर !!


जमीं पर रहकर, मैं समझती

आदमी का दुख -दर्द और पीड़ा

तुम हो अधर पर, इंसानी भावनाओं से विलग

आदमी से इंसा होने, का सफर तुमने कहाँ किया!!

झोपड़ी में रहने वाले साथ-साथ

रहते सुख-दुख साझा करते

तुम महल वालों के, कमरे होते अलग

खुद की जिंदगी ही जीते !!


तुम अंजाने-बेगाने से ना रिश्तों की

परवाह ना रिश्तों का सम्मान करते

महल वालों झोपड़ी पर झांकों कभी

देखो परखों, मिलकर जीना किसे कहते!!

जिस दिन झोपड़ी और महलों की

दूरियाँ मिटेंगी, सभी इंसान होंगे

हाड़-मांस के,जीते-जागते आदमी

"मधुर" इंसानियत की,वे मिसाल बनेंगे !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational