"" हम मिल गये """*46*
"" हम मिल गये """*46*


हम मिल गए, गर्त में
राह तुम्हारी, तकते हुए
पर तुम्हारे, दीदार का
नज़ारा तो,ना मिला।
ढूंढते रहे ताउम्र
दोस्त और दुश्मन मिले
बुत मिल भी गये
पर खुदा तो ना मिला।
लोग कहते हैं, काबे में
रहता है खुदा पर
हमें आज तलक उसका
साया तो ना मिला।
कल आये थे, दुनिया में
आज मौत ले जा रही,आग़ोश में
जिंदगी के इस सफ़र में
तुम्हारा साथ तो ना मिला।
जख्म ज़माने ने दिए
रुस्वा तुमने किया
चमन में खिले फूल बहुत
ज़न्नत का नज़ारा हमें ना मिला।
गम में आंखों ने,अश्क
बहाये तो बहुत मगर
खुशी का पैगाम कोई
'मधुर 'हमें तो ना मिला।