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Neerja Sharma

Romance

3  

Neerja Sharma

Romance

बीती रात कमल दल फूले

बीती रात कमल दल फूले

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बीती रात कमल दल फूले

चाँदनी छिटकी है चहूँ ओर

मैं विरहन बैठी अकेली 

बाट निहारूँ प्रियतम रे।


तुमने कहा तुम आओगे

कमल दल जब फूलेंगें

अब तो आओ मन तरसे

बाट निहारूँ प्रियतम रे।


रात, चाँदनी और सितारे 

साक्षी मेरी पीड़ा के 

तुम कैसे मुझे भूल गए 

बाट निहारूँ प्रियतम रे।


बीती रात कमल दल फूले 

हँस- हँस कर मुझे निहारें

बावली में बतियाऊँ खुद से 

बाट निहारूँ प्रियतम रे।


दिलासा कमल दल देते

आने की भी आस बँधाते 

जल्दी से क्यों नहीं आते

बाट निहारूँ प्रियतम रे।



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