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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

भोजपुरी गजल- मन भईले बौराइल

भोजपुरी गजल- मन भईले बौराइल

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काढ़ी करेजा हथेली थमाइ तबो ना उनके बुझाइल

प्यार मे उनका पागल भईली दिल भइल घाइल


हटेला ना अँखियाँ से रूपवा तोहार का करी हम

हंसला से मुहवा मोती झरे लेली जान मुसकाइल


तोहरा जोहत सांझ ढली गईली हो गईले अनहार

वादा कइके काहे ना अइलू हमरो मन मुरझाइल


लहरावेलु कन्हिया कारी केसिया बदरा लगले लजाये

चाल चलेलु हिरनी जस जंगल मन भईले बौराइल


याद में तोहरी बरसे नयन बहरा सावन के फुहार

आके हमके गरवा लगा ल मनवा फुले ना समाइल


सुना सुना लागे जग बिना तोहरे हिया हहरत बा

जिनगी आई बहार गोरी जब आके अंगना सजाईल। 


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