Aishani Aishani

Romance

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Aishani Aishani

Romance

ये वादियाँ कुछ कहती हैं..!

ये वादियाँ कुछ कहती हैं..!

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ये वादियाँ क्या कहती हैं..? 

सुनो ध्यान से 

कुछ याद दिलाना चाहती हैं..! 

शायद.. 

कभी मिले थें हम यहीं कहीं

तुम्हें याद तो होगा ना..? 

किसी वृक्ष के नीचे

हरी भरी मनोहारी छटा

बादलों के भी कहीं मधुर मिलन

तो कहीं रूठने मनाने का दृश्य

कहीं दो प्रेमियों का मिलन

उस पर.. 

लचकती फूलों की डालियाँ

हम एक दूजे के बाहों में बाहें डाले

कुछ कहने ही वाले थे कि

अचानक से सुदूर

 किसी पहाड़ी के पीछे से

किसी विरहन के पीर से निकली

प्रेम में डूबी दर्द भरी धुन

और.. 

उसके टीस से हमारा तड़प उठना.. 

ओह..! 

वो मिलन की सुरमयी शाम 

कैसे विरह में डूब गई थी

क्या तुमको भी कुछ याद है 

या...!!!


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