मैं शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' अब ऐशानि के नाम से लिखती हूँ। मैं वराणसी से हूँ, एक गृहिणी हूँ, साधारण में भी असाधारण हूँ, विद्रोही तो नहीं किन्तु हर पल स्वयं से इक विद्रोह करती रहती हूँ। कुछ है जिसकी तलाश जारी है, क्या है स्वयं से ही पूछती हूँ!
मैं ख़ुद के बारे में इतना ही कहूँगी कि...
नदी हूँ,... Read more
मैं शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' अब ऐशानि के नाम से लिखती हूँ। मैं वराणसी से हूँ, एक गृहिणी हूँ, साधारण में भी असाधारण हूँ, विद्रोही तो नहीं किन्तु हर पल स्वयं से इक विद्रोह करती रहती हूँ। कुछ है जिसकी तलाश जारी है, क्या है स्वयं से ही पूछती हूँ!
मैं ख़ुद के बारे में इतना ही कहूँगी कि...
नदी हूँ,
सीमाओं में बँधी हूँ
फिर भी
स्वछंद विचरण कर लिया करती हूँ..!
सीमाओं में रहकर भी मैं असीमित हूँ
हाँ..
मैं नदी हूँ...!!
और अधिक क्या कहूँ कि....
मेरे शब्द मेरी पहचान... ☺☺ Read less