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Aishani Aishani

Abstract Fantasy

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Aishani Aishani

Abstract Fantasy

सुनो राम..!

सुनो राम..!

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सुनो राम...! 

अब आये हो तो

लो संभालो अपना

सकल राजकाज अब;

अब ना जाने की बात करना

ना बात उन कठिनाइयों की

जिनसे गुजर कर हम तुम्हें पाये

सुखद हर्षोल्लास परिपूर्ण ये पल

युगों तक प्रतीक्षा करवाया तुमने

तुम्हारे आने से आह्लादित जनमन हुआ

 है संगीतमय जग पावन अवध का कण कण। 


सुनो राम...! 

शुभ हुआ है तुम्हारा आगमन जब 

कटा छटा पवित्र हुआ कलुषित हमारा मन

अब मंगल गान गा रहा 

झूम रहा साधारण जनमन

तुम आये तो आस्था का सैलाब आया। 


सुनो राम...! 

अब आये हो तो मत जाना

सम्पूर्ण जगत के असुरों का 

संहार करना अपने बाणों का संधान कर.।


 सुनो राम..! 

अब ना जाने की बात करना..!! 



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