लिखना चाहती हूँ..!
लिखना चाहती हूँ..!
आम सी ज़िंदगी के अपनी
बातें कुछ ख़ास लिखना चाहती हूँ,
देकर तेरे हाथों में मेरे हाथ, इक इक पल को
तेरे लाजवाब लिखना चाहती हूँ
हाँ...
अब कुछ ख़्याल बेहिसाब लिखना चाहती हूँ
तेरे आने से जाने तक के सफ़र के
कुछ एहसास लिखना चाहती हूँ
और ज्यादा कुछ तो नहीं तू मेरी ज़िंदगी है
यही बार बार लिखना चाहती हूँ
बस तेरी हर बात लिखना चाहती हूँ
हाँ...
मैं कुछ यूँ ही लिखना चाहती हूँ..!!

