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Aishani Aishani

Drama

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Aishani Aishani

Drama

धारा के विरुद्ध..!

धारा के विरुद्ध..!

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तुम चलो उस ओर जिधर चल रही धारा

तुम बहो उसी के साथ 

जैसे तुमको बहा रही है वो

तुमको हासिल होगा वो

जो चाहते हो तुम पाना

होगी ऐश्वर्य तुम्हारे साथ

और होगा सारा जहां साथ

बस... 

बहुत सुन लिये सबके मश्विरे

अब ख़ुद को भी कुछ कहने दो

दिया क्या सबने अबतक मुझे

कुछ इसको भी तो गुनने दो

नहीं बहना नहीं चलना साथ किसी के

अब ख़ुद से जुड़कर धारा के विरुद्ध चलने दो

है आनंद इसी में जीवन का

लो उनको साथ जो रोके राह तुम्हारी तोड़े तुम्हारे बुलंद हौसलों को 

पर 

तुम उनको सुनकर भी करो अनसुना और प्रहार करो उनके मंसूबों पर 

 चलो अपनी राह निडर हो

जो रोके तुमको करो प्रहार फिर

जीत के ठोकरों से हवा में उनको उछाल दो

बस रखो ख़ुद पर यकीं।



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