STORYMIRROR

Aishani Aishani

Action Fantasy

3  

Aishani Aishani

Action Fantasy

शिखर..!

शिखर..!

1 min
12

शिखर पर जा कर

कहीं अभिमान ना आ जाए

कदम कहीं डगमगा गये तो...? 

फिर क्या करूँगी

कहाँ जाऊँगी..? 

इसलिए... 

सिफ़र पर हूँ

रहने दो

अभिमान रहित होकर

चलने का हुनर 

सीखती तो रहूँगी.. 

हूँ..!! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action