अपने इतिहास की स्वयं नींव रखता
अपने इतिहास की स्वयं नींव रखता
मानव अपने जीवन काल में,
बहुत कुछ अच्छा कर सकता है।
केवल उसको अपने अंदर की,
इच्छा शक्ति को बुलंद करना पड़ता है।।
बहुत अपार कार्य क्षमता,
होती है मानव के अंदर।
केवल उसको सकारात्मक,
रूप ही देना पड़ता है।।
मानव अपने जीवन काल में,
बहुत कुछ अच्छा कर सकता है।
स्त्री -पुरुष का कोई भेद नहीं ,
दोनों ही मानव होते हैं ।
केवल अपने मानव होने का,
महत्व समझना पड़ता है।।
मानव अपने जीवन काल में,
बहुत कुछ अच्छा कर सकता है।
आती हैं विपरीत परिस्थितियां,
सभी के जीवन काल में।
केवल उनको सीढ़ी मानकर,
आगे बढ़ना पड़ता है।।
मानव अपने जीवन काल में,
बहुत कुछ अच्छा कर सकता है।।
जो मानव अपने मानव होने के,
कारण को जान सकता है।
वही जीते जी अपने इतिहास,
की नींव भी रखता है।।
मानव अपने जीवन काल में,
बहुत कुछ अच्छा कर सकता है।