घमंड न कर किसी बात का
घमंड न कर किसी बात का
हे मानव घमंड न कर किसी बात का,
धन दौलत न सुंदर गात का।
बल और बुद्धि न किसी धर्म जात का,
पद प्रतिष्ठा न महल महलात का।।
हे मानव घमंड न कर किसी बात का
मानव है तू घमंड भाव का त्याग कर,
मानव मूल्य लेकर जिंदगी बसर कर।
सुख शांति भी मिलेगी जिंदगी में ,
सफलता व खुशियां मिलेगी जिंदगी में।।
दुनिया से जब तेरी विदाई हो जाएगी,
बस तेरे विचारों की चर्चा रह जाएगी।
हे मानव घमंड न कर किसी बात का,
न किसी रिश्ते न कुटुंब परिवार का।