गौरैया के प्रति संवेदना
गौरैया के प्रति संवेदना
गौरैया रानी, गौरैया रानी ,
अब तो तुम आ जाओ।
विद्यालय प्रांगण में आकर,
चूं चूं करके गाओ।।
बचपन में देखा था तुमको,
अपने घर के आंगन में।
कहां खो गई गौरैया रानी,
घोंसला बिखरने में।
याद बहुत आती है ,
हम सबको ही तुम्हारी।
कहां गई गौरैया रानी ,
अपनी प्यारी प्यारी।।
घोंसला भी बना दिया है,
हम सब ने ही मिलकर।
दाना पानी भी रखा है,
प्यार से संजो कर।।
बीस मार्च को सब ने मिलकर,
दिवस तुम्हारा मनाया।
बड़ी धूमधाम से सबने मिलकर,
गाना भी है गाया।।
गौरैया रानी , गौरैया रानी,
अब तो तुम आ जाओ।
विद्यालय प्रांगण में आकर,
चूं चूं करके गाओ।।