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उस समय का सीन हमें हमेशा याद आता है कि वह भी क्या होली थी। उस समय का सीन हमें हमेशा याद आता है कि वह भी क्या होली थी।
अभी बहुत कुछ करना है बाकी क्योंकि प्रभु की बख्शी जिंदगी का कुछ तो मक़सद है। अभी बहुत कुछ करना है बाकी क्योंकि प्रभु की बख्शी जिंदगी का कुछ तो मक़सद है।
कितना पावन कितना निर्मल, प्रकृति ने जल है दिया। कितना पावन कितना निर्मल, प्रकृति ने जल है दिया।
फीडबैक हमारे लिए बहुत *बड़ा सम्मान* और रात को सूकून भरी नींद देने वाला होता है। फीडबैक हमारे लिए बहुत *बड़ा सम्मान* और रात को सूकून भरी नींद देने वाला होता है।