आजाद हैं हम
आजाद हैं हम
जब शान से उठाये हर हाथ तिरंगा
दिलों में हो प्यार और
उम्मीदों, व आशाओं की पवित्र गंगा
तब पुकार ना जोश से
ए मेरे देश के लोगों
कि आजाद हैं हम ।
जब हर बच्चा जाएगा स्कूल
कोई छोटू या गुड़िया न होगी मजबूर
हर हाथ में होगी कलम और
हर घर पर फहरायेगा तिरंगा
तब समझना ए मेरे देश के लोगों
कि आजाद हैं हम।
जब इनसानियत ही होगा
केवल एक धर्म
न मजहब की लड़ाई
न हिजाब की कड़ाई
न हो चालीसा की जिद
न हो सोशल मीडिया के गिद्ध
तब पुकार ना जोश से
ए मेरे देश के लोगों
आजाद हैं हम
जब जन्म लेगी बेटियां अधिकार से
न जलेगी कोई बहू दहेज की मार से
बेटियां भी जीयेगी बेटों सी शान से
तब पुकार ना जोश से
ए मेरे देश के लोगों
कि आजाद हैं हम।
