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Neetu Tyagi

Abstract Children Stories

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Neetu Tyagi

Abstract Children Stories

प्रज्ञान पहुंचा ननिहाल

प्रज्ञान पहुंचा ननिहाल

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आज आखिर बुलाया चांद ने 

प्रज्ञान को अपने पास

पूछी कुछ खैर खबर दुनिया की

और जाते ही सौंप दिये

चरखा कातती बुढ़िया के बुने

धागों के कुछ सुनहरे अहसास ।

प्रज्ञान ने जब पूछा

बड़े प्रज्ञान को क्यों नहीं

उतरने दिया मामा ?

 बुन नहीं पायी थी

तेरी उम्र दराज नानी

धरती मां के लिए नई चुन्नी

और जुटा नहीं पायी थी

 मंझले को देने के लिए नई चवन्नी।

पर अब मैं हूं तैयार लुटाने

ननिहाल के दुलार

और तुम्हारी नानी भी

बनायेगी दूध भात

और जाते हुए देगी

तुम्हें ढेरों उपहार।


 



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