लड़कियों ! तुम पढ़ो
लड़कियों ! तुम पढ़ो
लड़कियों ! तुम पढ़ो और
जान लो इस दुनिया
के सब अनजाने भेद ।
देखते रह जाएंगे हैरान हो वो
जिन्हें उम्मीद थी तुम्हारे रुकने की
हारकर समय के गर्त में छिप जाने की ।।
लड़कियों ! तुम बढ़ो और छू लो
उन ऊंचाइयों को जिन्हें
और ऊंचा कर दिया गया था
तुम्हारे लिए उन लोगों ने
जिन्हें गुमान था अपनी
परछाई का और अपने
झूठे अहंकार का ।।
लड़कियों ! तुम उठो और चलो
ढूंढने के लिए नये रास्ते
जहां कांटे तो बहुत थे
पर तुमने उगाए फूल
अपने ही वास्ते।।
लड़कियों ! जब तुम पा लोगी
अपनी मंजिलें
और जी लोगी अपनी ख्वाहिशें
तब बदल जाएंगी वो नजरें
जिन नजरों में तुम कुछ नहीं थी ।
