विश्व की माहिला को समर्पित
विश्व की माहिला को समर्पित


पति परमेश्वर संग वन जंगल घूमती फिरती पति के
संकल्पों में खुद की हद हस्ती की आहूति दे देती।
पिता प्रतिज्ञा में बंधी खुद की स्वतंत्रता इच्छा
अभिलाषा भी पुरुष प्रधान समाज युग के हाथों गिरवी।
अपनी अस्मत की रक्षा की चिन्ता में पल पल
अशोक बृक्ष के निचे शोकाकुल घुटती।
अंगारों पर चलती अग्नि परीक्षा के
कठिन दौर दौड़ती गुजरती।
पति की मर्यादा की रक्षा में गर्भस्त अवस्था में
महल राज्य से बाहर जंगल में भगवान
भाग्य की मारी नारी सीता है कहलाती।
कितने दुःख सहे जीवन में कभी शुख
शान्ति पल दो पल का साथ नहीं।
कभी पति कभी पिता कभी दुष्ट दानव पुरुष
प्रधान समाज में नारी ही बलिदान की सूली पर चढ़ी।
त्याग तपश्या बलिदानो की देवी के तगमे से
युगों ने नारी से ना जाने कितनी ही कीमत वसूली।
फिर एक बार पिता प्रतिज्ञा के कारण
एक नारी पांच पुरषों की प्यारी पांचाली।
एक पति ने खुद के स्वाभिमान में
द्रुत क्रीड़ा का उठाया बीड़ा।
जब सब कुछ हार गया तो पत्नी को ही दांव लगा दी
युग की परिभाषा ने नारी को व्यपार की विषय वास्तु बना दी।
युग के सारे वीर ग्यानी के समक्ष अपनी
लाज बचाने की कराती रही गुहार।
पुरुषार्थ को ललकारती पांचाली पतियों को पुकारती
कोई श्रेष्ठ धनुर्धर कोइ सर्व श्रेष्ठ गदाधर द्रुत में हारी नारी।
स्वयं मधुसूदन केशव बनवारी दामोदर गिरधारी परम शक्ति
सत्ता बन नारी मर्यादा लज़्ज़ा की द्रौपति नारी की लज़्ज़ा की सारी।
सावित्री सत्यवान की खातिर साक्षात काल से
लड़ जाती विजयी होकर पति परमेश्वर की जान बचाती।
विद्योत्तमा विदुषी युग गौरव गरिमा की नारी
पुरुष समाज के अहंकार में मुर्ख काली के संग व्याही।
हार ना मानी मुर्ख काली को काली का
भक्त बना प्रकांड पंडित बना दी।
रज़िया सुलत्तान प्रथम नारी
राज्य सिंघासन की उत्तराधिकारी।
नारी की प्रतिभा छमता हिम्म्मत साहस की
बहादुर बेटी नारी गौरव मान रजिया सुलत्तान।
रानी दुर्गावती समर भूमि राजनीति पर भारी नारी।
वीरांगना भारत के इतिहास में संग्राम
भूमि में संग्राम् का शंखनाद की रानी नारी।
दुश्मन के दांत खट्टे नाम सुनते ही दुर्गा रूप
रणचंडी दुर्गावती का दुश्मन की सेना भागी।
किसने नहीं सूना दुनियां में झांसी की मर्दानी।
चतुर लोमड़ी शत्रु भी मांगने लगा पनाह खूब
लड़ी मर्दानी भारत के स्वाभिमान की नारी थी
कहती है दुनियां
वह तो झांसी वाली रानी थी।
पीताम्बर का है कहना वह तो दुनियां के मर्दों को
औकात बताने वाली थी।सिर्फ झाँसी की नहीं बल्कि
दुनिया की नायाब नारी बाई लक्ष्मी न्यारी थी।
नारी दुनियां में आज सत्य सार है
नारी युग संसार का इतिहास काल है।
नारी मानव मानवता की जजनी अस्तिवा
हद हस्ती का भविष्य साकार है।
आधी शक्ति दुनियां की बिन सक्षम नारी कायनात
की कल्पना नहीं बिन नारी शक्ति के
युग दृष्टि सृस्टि संकल्पना सम्भव नहीं।
आज़ाद मुल्क श्री लंका में भण्डार नायके
नारी गौरव गाथा का अभिमान बानी।
गोल्डा मायर इजरायल और विश्व में महिला महत्व की शान गढ़ी
फौलाद इरादों वाली आयरन लेडी दुनियां में नारी शक्ति का सत्य प्रकाश बानी।
भारत में दूर दृष्टि मजबूत इरादों की नारी
प्रियदर्शिनी इंदिरा दुर्गा काली रणचंडी।
भारत में नारी शक्ति का सम्मान का वर्तमान
इतिहास नारी प्रेरक प्रेरणा महान बनी।
मार्गेट थैचर बीसवी सदी की दुनियां की नारी की प्रभा
प्रबाह प्रभावी दुनियां में नारी शक्ति कि
नई सुबह की नाज़ पहचान बानी।
शेख हसीना ,खालिदा जिया ,बेनज़ीर इस्लाम की तालीम में
जन्मी पली बढ़ी इस्लामिक दुनियां में औरत दुनियां की औकात बानी।
कल्पना चावला मैडम क्यूरी बैज्ञानिक विज्ञान युग में
नारी शक्ति साहस उत्साह का युग में संचार बनी।
जर्मन को है अभिमान एनज़िला नारी की देव स्वरूम में
जर्मन आकांक्षा उम्मीदों अरमानो की है जमी अस्मा।
लोक तंत्र के शैशव काल में ही नारी जत्र पुज्जयते
रमन्ते तत्र देवता के देव सूक्त को कर लिया अनँगिकार।
विद्या भंडारी को राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रथम नागरिक का मान सम्मान।
नारी शक्ति का संरक्षण अभिनंदन हो नारी के
महत्व का दुनिया में हो सम्मान।
कही कोख बेटि ना मारी जाए नहीं रहेगी
नारी तो कैसे होगा सत्य साकार संसार।
ना दहेज़ की बलिबेदि पर बेटी का बलिदान चढ़े।
बेटी को शिक्षा शिक्षित बेटी कुटुंब कुल
समबृध् सक्षम राष्ट्र महिमा मर्यादा मान।
बेटी को बेटो जैसा शिक्षा और सम्मान बेटी बेटों में
अन्तर नहीं कोई लिंग भेद भाव नहीं।
भविष्य की साहस शक्ति की नारी की दुनिया में सत्कार।
माँ बेटी बहन नारी से दुनिया में रिश्ता का संसार।
यैसी भी दुनिया है जहाँ शिक्षित विकसित
सक्षम सामान हद हस्ती की है नारी।
पर आज वहाँ भी शिखर शिखरतम के इंतज़ार में है नारी।
नारी का सम्मान परम शक्ति सत्ता अल्ल्लाह ईश्वर
जिजुस गुरुओ का पैगाम मैं भी नारी शक्ति का परम् शक्ति सत्ता का संसार।
आधी शक्ति युग दुनिया की अर्ध नारीश्वर का ब्रह्माण्ड।