विवाहोत्सव शहनाई गीत
विवाहोत्सव शहनाई गीत
घड़ी शुभ आज आयी है बधाई है बधाई है।।
दिव्य पारुल कि चाहत में बहारें भी है खुश किस्मत
जहाँ में आज मोहब्बत कि ये जोड़ी खास आयी है।
घड़ी शुभ आज आयी है बधाई है बधाई है।।
सजे सर दिव्य के सेहरा घुघट में दुल्हन चाँद सी पारुल
रति और कामदेव के मिलने का युग संदेश लायी है।
घड़ी शुभ आज अयी है बधाई है बधाई है।।
खाबों हकीकत चाहत किस्मत की सौगात दूल्हा दुल्हन लक्ष्मी
विष्णु सम एक दूजे कि परछाई है घड़ी शुभ आज अाई है बधाई हो बधाई है।।
सचदेवा लड्डा परिवारों का मिलना प्यार विश्वास का रिश्ता भाग्य भगवान का
आशीर्वाद अवनि आकाश पे छाई है।घड़ी शुभ आज आयी है बधाई है।
लीना का लाड़ला रवि का गर्व गौरव दिव्य देवो जैसा मम्मी पापा कि
दुनियां में खुशियां ही खुशियां छाई है घड़ी शुभ आज आयी बधाई है बधाई है ।।
मुहूर्त शुभ लगन आयी है बजती शहनाई है भईया कि
नम सजल आंखे भी बहना को देती विदाई है।
घड़ी शुभ आज आयी है बधाई है बधाई है।।
बाबुल कि प्यारी बिटिया मम्मी रुचिता गिरिराज कि खुशियां न्यारी छोड़ चली
बाबुल घर संसार अब तो यादों कि परछाई है घड़ी शुभ आज अाई है बधाई है बधाई है।।
हाथ महावर सर पे घुघट बेटी नयनों के आंसू बहते कहते
पिया घर जाने की तैयारी है घड़ी शुभ आयी है बधाई है बधाई है।।
बड़े नाजो से पाला है क्लेश कि पड़ी नही कभी परछाई है
बाबुल कि खुशियां पीहर घर को जाई है घड़ी शुभ आज अाई है बधाई है बधाई है।।
गिरिराज रुचिता रवि लीना से निवेदन लक्ष्मी
मेरे घर कि बेटी आपके घर मर्यादा अपनायी है।
घड़ी शुभ आज आई हैं बधाई है बधाई है।।