भीख मांगते ही जीए फिर मृत्यु पर विजय का अट्टहास क्यों भीख मांगते ही जीए फिर मृत्यु पर विजय का अट्टहास क्यों
अनगिनत रंग पंखों पर लिए चंचल तितलियों सी होती हैं बेटियाँ, अनगिनत रंग पंखों पर लिए चंचल तितलियों सी होती हैं बेटियाँ,
चारों ओर मन मेरा है टूट कर बिखर रहा। चारों ओर मन मेरा है टूट कर बिखर रहा।
विश्वास के भरोसे चलते हैं, जिसे संजोए रखना विश्वास के भरोसे चलते हैं, जिसे संजोए रखना
सात रंग से दुनिया सजी हैं। सात रंग से दुनिया बनी हैं। सात रंग से दुनिया सजी हैं। सात रंग से दुनिया बनी हैं।
चिरागों तले जो रहे अंधेरे, उन्हीं का भेद रहेगा चिरागों तले जो रहे अंधेरे, उन्हीं का भेद रहेगा