केवल अपनी कुर्सी पर खड़े मुस्कुरा रहे हैं चेहरे पर विजए मुस्कान लिए। केवल अपनी कुर्सी पर खड़े मुस्कुरा रहे हैं चेहरे पर विजए मुस्कान लिए।
ज़िन्दगी का राज़ क्या है,क्या करेंगे जानकर क्यों मिला मानुष जनम, जब राज़ यह जाना नहीं। ज़िन्दगी का राज़ क्या है,क्या करेंगे जानकर क्यों मिला मानुष जनम, जब राज़ यह जाना नह...
यह कविता मन की शांति की तलाश में भटकते मनुष्य की मनोदशा को दर्शाती है। बाहर भटकने से कभी मन की शां... यह कविता मन की शांति की तलाश में भटकते मनुष्य की मनोदशा को दर्शाती है। बाहर भट...
वही है जो बदल सकती है यह प्रथा इस ब्रह्मांड में। वही है जो बदल सकती है यह प्रथा इस ब्रह्मांड में।
चाँद को देख़ा, सितारों को देखा अँधरो में खोया तो बहुत था रात भर तुमसे मिलने की तलब इस चाँद को देख़ा, सितारों को देखा अँधरो में खोया तो बहुत था रात भर तुमसे मिलने...
आसां नहीं है मंज़िल को पाना, मीठा झरना बहाने के लिए, आसां नहीं है मंज़िल को पाना, मीठा झरना बहाने के लिए,