STORYMIRROR

Sri Sri Mishra

Action

4  

Sri Sri Mishra

Action

जज्बात

जज्बात

1 min
403

सतरंगी आसमान में रंग बिखरे हैं कितने

नई आभा, नए उद्देश्य, होते हैं जितने

बहुत तेरे रंग मिल चलते रहते वक्त के संग

संयोग होता मिलन कभीकभी अनहोनी के अद्भुत रंग


वियोग का अथाह मर्म कभी सुना दे

कभी सराबोर हो प्रेम में रिमझिम फुहार बरसा दे


सूरज की किरणों से छन कर आती हैं जो धरा पर

मानव मन के कोरे हृदय पटल पर


बन रजनीगंधा कुसुमित हो वह पुष्प रातरानी सी

जीवन को उसके अनवरत इत्र सा महका दे


सदियों से यह धूप-छांँव का नाता

होकर परे साकार अंतहीन युगों से

हर अंतराल पर मिलने क्षितिज पर आता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action