दोस्ती
दोस्ती
यह नायाब तोहफ़ा सबको मिले..
ऐसा धनी हर कोई नहीं होता..
खुशी में सब साथ हो लेते हैं..
हाल-ए-दिल गमज़दा का फ़कीर हर कोई नहीं होता..
........लाख हुनर के सरताज हों.......
फिर भी शर्त लगाते हैं लोग हाथ मिलाने को..
कमियों को अपनाने वाला फ़रिश्ता हर कोई नहीं होता..
बीत गई हो उम्र चाहे जौहरी- ए ख़ास बनकर..
.........सच्चा दोस्त होता है "हीरा".........
इसे परखने की नेमत केवल विरले को होता है...
रूबरू हो जाएँ उसकी चमक से..
आहट मिल जाए दिल को उसकी खनक से..
ऐसा ख़जाना हर कहीं नहीं होता..
जरा से धन पर आ जाता है अहम और गुरूर..
उस मित्र का जिस पर छाया था जादुई सुरूर..
मिलने को हुआ था वह इस कदर बेक़रार..
छोड़ गद्दी बैठने को जमीं पर हुआ था बेज़ार..
वो सुदामा और कृष्ण युगों- युगों नहीं होता..
आगाज़ दोस्ती का तो सब कर लेते हैं..
पर अंजाम की ख़बर रखकर जो बेफिक्री में निभा जाए..
ऐसा कर्ण हर बार नहीं होता...
