है कहीं कोई आसमान ऐसा जिसमें दिखे मुझे कोई चाँद चमकता। है कहीं कोई आसमान ऐसा जिसमें दिखे मुझे कोई चाँद चमकता।
सच कहूँ कहीं भी देशी होना गुनाह नहीं है पर तुम पहाड़ी। सच कहूँ कहीं भी देशी होना गुनाह नहीं है पर तुम पहाड़ी।
कोरोना को भी हरायेंगे विश्व गुरु कहलायेंगे। कोरोना को भी हरायेंगे विश्व गुरु कहलायेंगे।
धनी निर्धन का भेद मिटाती सबके घर बनती खिचड़ी। धनी निर्धन का भेद मिटाती सबके घर बनती खिचड़ी।
गुण और संस्कार मिले तो तर जाओगे, गुण और संस्कार मिले तो तर जाओगे,
दादी की गोदी में देखो बैठी मुनिया बनी ठनी है। दादी की गोदी में देखो बैठी मुनिया बनी ठनी है।