मिटा जाओ हाथों कि चूड़ी खनका जाओ तुम पासआ जाओ ! मिटा जाओ हाथों कि चूड़ी खनका जाओ तुम पासआ जाओ !
दूषित करना मुझको छोड़ो सुख से नाता अपना जोड़ो। दूषित करना मुझको छोड़ो सुख से नाता अपना जोड़ो।
ये दुनिया कितनी दुखी है पर लगती क्यों सुखी है ! ये दुनिया कितनी दुखी है पर लगती क्यों सुखी है !
सुखी है आदमी कब जब उसे संतोष है! सुखी है आदमी कब जब उसे संतोष है!
दो शक्तियों का होना ज़रूरी है दो शक्तियों का होना ज़रूरी है
तब धीरे-धीरे जल उठेगा धू-धूकर आग। तब धीरे-धीरे जल उठेगा धू-धूकर आग।