ये दुनिया कितनी दुखी है पर लग
ये दुनिया कितनी दुखी है पर लग


ये दुनिया कितनी दुखी है पर लगती क्यों सुखी है !
कोई सब कुछ पाकर भी कुछ नहीं पाता |
कोई कुछ नहीं पाकर भी सब कुछ पा लेता है ||
कोई ज़िन्दगी चाहता पर ज़िन्दगी उसे नहीं चाहती |
कोई मौत चाहता है पर मौत उसे नहीं आती ||
ये दुनिया कितनी दुखी है पर लगती क्यों सुखी है !
कोई अपनों को पराया समझता है , पर अपने उसको पराया नहीं समझते |
कोई परायों को अपना समझता है ,पर पराये उसको अपना नहीं समझते ||
कोई जाती मकान बनाना चाहता है पर बनता नहीं है ,कोई मकान बेचना चाहता है पर बिकता नहीं है |
कोई जग घूमना चाहता है पर धन नहीं है ,किसी के पास धन है पर मन नहीं है ||
ये दुनिया कितनी दुखी है पर लगती क्यों सुखी है !