जीवन साथी
जीवन साथी
जीवन तुमसे जीवन साथी
तुमसे ही तकदीर बनी है।
किरन फूटने के पहले तुम
पूजा घर में आ जाती हो
मधुर कण्ठ से भजन ईश का
इन कानों तक पहुंचाती हो
तुमसे मंगल दिवस रोज का
महके ही तुमसे रजनी है।
लेती तुम आशीष बड़ों की
अधरों पर मुस्कान बिखेरे
खुशियों की ही सौगातें तुम
नित्य बाँटती साँझ सबेरे
स्नेह तुम्ही से पाकर सारा
कुनबा मेरा आज धनी है।
मान और सम्मान तुम्हीं से
तुमसे ही ये बरसे सावन
अम्मा के चेहरे पर खुशियाँ
तुमसे ही ये चहके आँगन
दादी की गोदी में देखो
बैठी मुनिया बनी ठनी है।

