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Chandragat bharti

Tragedy Inspirational Others

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Chandragat bharti

Tragedy Inspirational Others

आँखें भरी हुई आँसू से

आँखें भरी हुई आँसू से

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भूखी प्यासी निकल पड़ी है

मजदूरों की टोली

अफरा तफरी मची आज यूं

छोड़ रहे सब खोली।


निगल रहा है धूर्त वायरस

भूख इधर मुंह बाये

मास्क लगाये बहरा शासन

बैठा फगुआ गाये

नाच नाच कर खेल रही है

मौत हर तरफ होली।


गर्भवती महिलायें बूढ़े

मील हजारों चलते

देख भयावह हम यह मंजर

बैठ हाथ बस मलते

आँखें भरी हुई आँसू से

फँसी गले में बोली।


नन्हे मुन्ने मासूमों के

पाँवों तक में छाले

तड़प रही माँ देख लाल को

रोटी के हैं लाले

अजब दशा है विवश जिन्दगी

खाली सबकी झोली।


आज देश की भ्रष्ट व्यवस्था

पाथ रही है कन्डे

दौड़ दौड़ कर खाकी वर्दी

मार रही है डण्डे

छाँव इन्हे दुत्कार रही है

धूप चलाये गोली।


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