पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था। पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था।
हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है। हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है।
अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर। अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर।
इनसे कैसे पाऐं पार? पैने दाँत लिऐ भूखे शिकारी अधिकार छीनने को तैयार कहते -2 विवश होकर रो पड़ा - एक ... इनसे कैसे पाऐं पार? पैने दाँत लिऐ भूखे शिकारी अधिकार छीनने को तैयार कहते -2 विव...
एक वो है जिनकी रातें हैं गुनाहों के लिए एक वो है जिसपे शब आती है आहों के लिए। एक वो है जिनकी रातें हैं गुनाहों के लिए एक वो है जिसपे शब आती है आहों के लिए।
हर तरफ टूट-टूट कर गिर रहा है वक्त का तंत्र और मुझे कविताओं की चिंता है। हर तरफ टूट-टूट कर गिर रहा है वक्त का तंत्र और मुझे कविताओं की चिंता है।