मंज़र हसीन था रात के शृंगार का, दिन के उजालों ने जल कर मिटाया है। मंज़र हसीन था रात के शृंगार का, दिन के उजालों ने जल कर मिटाया है।
एक वो है जिनकी रातें हैं गुनाहों के लिए एक वो है जिसपे शब आती है आहों के लिए। एक वो है जिनकी रातें हैं गुनाहों के लिए एक वो है जिसपे शब आती है आहों के लिए।
कैसा जादू तेरी छुअन में है । शब ये शब भर शराब सी बहके । कैसा जादू तेरी छुअन में है । शब ये शब भर शराब सी बहके ।
पर... तुम ये बताओ मुझे इतना सब होते हुए, देखने के बाद भी क्या तुम्हे याद नहीं आती; मेरी...। पर... तुम ये बताओ मुझे इतना सब होते हुए, देखने के बाद भी क्या तुम्हे याद नहीं ...
मैं लुटाकर निधियां स्वर्ग की सभी, बौने हाथों को भी विस्तृत कर रहा हूँ। मैं लुटाकर निधियां स्वर्ग की सभी, बौने हाथों को भी विस्तृत कर रहा हूँ।
चांदनी रात चांदनी से नहीं, सिर्फ तुझसे गुलज़ार थी। चांदनी रात चांदनी से नहीं, सिर्फ तुझसे गुलज़ार थी।