एक झील मेरे मन की कुछ गहरी ,कुछ ठहरी सी याद मुझे जब आती , है तेरे बचपन की मेरी आँखों मे... एक झील मेरे मन की कुछ गहरी ,कुछ ठहरी सी याद मुझे जब आती , है तेरे बचपन क...
बाहें फैलाए खड़ी आँगन में माँ हर्षित मन। बाहें फैलाए खड़ी आँगन में माँ हर्षित मन।
गवाह है मेरी प्यास अभी हमारा मिलन भी तो होना है ! गवाह है मेरी प्यास अभी हमारा मिलन भी तो होना है !
मंज़र हसीन था रात के शृंगार का, दिन के उजालों ने जल कर मिटाया है। मंज़र हसीन था रात के शृंगार का, दिन के उजालों ने जल कर मिटाया है।
खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ। खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ।
तेरी आँखें नये बांस की सपोले जैसी अदा मखमली सीप के मोती सरीखे ! तेरी आँखें नये बांस की सपोले जैसी अदा मखमली सीप के मोती सरीखे !