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Vinay Panda

Romance

3  

Vinay Panda

Romance

तेरी आँखें

तेरी आँखें

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तेरी आँखें ..चाय की प्याली सी

सुनहरी धूप खिली हो जैसे

काली अँधेरी रातों में !


गहरे झील की किनारों सी ये पलकें

डूबकर रोज नहाती है जिसमें


चमक तलवार सी देख मन ललचाया ऐसे

बिन फेरे जब हम तेरे हुए !


तेरी आँखें नये बांस की सपोले जैसी

अदा मखमली सीप के मोती सरीखे !


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