पहला प्यार
पहला प्यार
जब मिलती हैं निगाहें उससे तो सब कुछ धुंधला लगता है !
आती नहीं नींद और खयालो उसके फिर वो जगता है !
जैसे लगता है सब कुछ सुहाना है!
दिखने के लिए उसको किसी बहाने से उसके घर जाना है!
और हो जाता उसका वो दीवाना है!
फिर बात करने के लिए किसी बहाने से हिम्मत जुटाना।
फिर हिम्मत करके उससे बात करना, बात करके अपने इश्क़ का इज़हार करना।
और सातवे आसमान मे ख़ुद को पाना!
उससे सारी बाते करना, उसकी फिक्र जाताना।
अपनी हमेशा पलकों पे बिठाना।
अगर कुछ दफ़े के लिए बात ना करें तो नाराज़गी जाताना ¡
उसकी मासूमियत पे सब कुछ हार जाना।
नाराज़गी भुलाकर उसको सीने से लगाना।
उसकी पसंद की सारी चीज़े करना!
होता है कुछ अलग ही भूत सवार !
ऐसा होता है पहला प्यार ।

