सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता
सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता


मंदिर के अपने साफ सफाई करते है पहले!
माँ के लिए नये वस्त्रो को लाया जाता है!
मुकुट और चुनरी लाते है माँ के लिए!
सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता है!
मुरुती को साफ करते है सबसे पहले!
स्वच्छ पानी से उसको धोया जाता है!
उड़ा देते है माँ को चुनरी और मुकुट!
क्योंकि सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता है!
मुकुट और चुनरी पहनते है माँ को आज!
आभूषण पहनाकर माँ को सजाया जाता है!
सौंदर्य लगता है आभूषण माँ पे मुकुट के साथ!
सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता है!
आये माँ हर बार मौका दे सेवा करने का अपने भक्तो को!
लाल साड़ी या लाल कपडे से माँ को सजाया जाता है!
भक्ति भाव से माँ को सजाते है भक्त अपने!
सोलह श्रृंगार माँ का किया जाता है!,