महक उसकी शर्ट को भूल नहीं पाया
महक उसकी शर्ट को भूल नहीं पाया


चली जरूर गयी वो छोड़कर मुझे वो एक दिन !
सुगंध उसकी मैं खुद से दूर नहीं कर पाया !
अहसास रह गया उसमे मेरा अब तक जो भूला नहीं !
महक उसके शर्ट का भूल नहीं पाया !
वो रात भी हसीन थी जब वो मेरे करीब थी !
उस रात अलग मैं उससे हो नहीं पाया !
रह गयी वो जैसे मुझ में और समा गयी हो !
और महक उसकी शर्ट को भूल नहीं पाया !