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Praveen Gola

Romance

4  

Praveen Gola

Romance

मेरा पहला प्यार

मेरा पहला प्यार

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धड़कता दिल कहे बार - बार, शायद वही था मेरा पहला प्यार,

ना नजरें मिलीं ना हुआ इकरार, बस कुछ था जो बाकी रहा यार।

उसके आने की तड़प से आँखें चमकती, लबों पे खुद ~ब ~खुद खामोशी झलकती,

शब्दों को बेवजह मिलती जगह यार, तभी तो था वो मेरा पहला प्यार।

अपनो से दूर जाने को जी करता, झूठ बोलने पर भी दिल ना संभलता,

दिमाग में उसका ही नशा छाया रहता यार, ऐसा अनोखा सा था मेरा पहला प्यार।

रात भर ये निगाहें जलतीं, सब जानते हुए भी नहीं संभलती,

ख्वाबों में उसका ही चेहरा दिखता यार, नहीं भूल सकती मैं वो पहला प्यार।

आज भी वो मरा नहीं बस कहीं दफ़्न है, क्यूँ कहूँ फिर उसे कि वो एक कफ़न है,

कभी तो फिर से शोला भड़केगा यार, पर वो हमेशा रहेगा मेरा पहला प्यार।



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