Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हरीश कंडवाल "मनखी "

Romance Inspirational

4  

हरीश कंडवाल "मनखी "

Romance Inspirational

गलत फहमी

गलत फहमी

1 min
250



वो दो जिस्म एक जान थे

एक दूसरे के परवान थे

मोहब्बत ऐसी कि हर वक्त

एक दूजे पर मर मिटने वाले थे।


वक्त ने जैसे जैसे रफ्तार पकड़ी

मोहब्बत और गहरी होती चली

दोनों ने मर मिटने की कसमें खाई

मंदिर में जाकर उन्होंने शादी रचाई।


अपने उनसे रुसवा हो गये थे

वो दुनिया से दूर हो गये थे

उनका अटूट प्यार बरकरार था

खुद से ज्यादा दूसरे पर विश्वास था।

 

वक्त का पहिया घूमता चला गया

दोनों का प्यार बढ़ता चला गया

जीवन रंग में बसंत आने लगे थे

प्यार की कलियॉं फूल बनने लगे थे।


मोहब्बत के जब तक फल लगते

उनकी खुशियों को सुंदर पंख लगते

उनके बीच गलत फहमी ने जन्म लिया

विश्वास की डोर को अविश्वास ने तोड़ दिया।


जो कभी एक दूजे की बिन नहीं रह सकते थे

अब वह एक दूसरे को फूटी आँख नहीं सुहाते

कभी प्यार बरसता था घर में अब मौन है

यहीं सोचते हम दोनों के बीच तीसरा कौन हैं।


जहां कभी प्रेम था वहाँ अब नफरत हों गई

जहां त्याग था वहाँ अब स्वार्थ हों गया

जहां प्रीत ही प्रीत थी दुश्मनी गठ जोड़ दिया 

एक गलत फहमी ने कैसा रिश्ता तोड़ दिया।


घर के रिश्ते लड़ाई अब अदालत में चली गई

मोहब्बत प्यार की बातें अब दलीलें बन गई

कौन समझाये एक दूसरे को यह घर तुम्हारा

कौन बताये ये पवित्र रिश्ता हैं सिर्फ तुम्हारा।


अदालत में दोनों पक्षों को सुनकर जज ने निर्णय सुनाया

मजबूत रिश्तों के बीच गलत फहमी मत पालिये

 सुख चाहिए तो अहम और वहम कभी मत पालिये

अगर गलत फहमी हों भी जाये तो आपस में बात कीजिए

तुम एक दूजे के हों घर जाकर पुनः विचार अवश्य कीजिए।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance